एक बार फिर बातें करना,
ज़िंदगी की गर्माहट की,
ताकि कुछ तो जान सकें--
वह गर्म नहीं है।
पर वह गर्म हो सकती थी।
मेरी मौत के पहले
एक बार फिर बातें करना
प्यार की,
ताकि कुछ तो जान सकें,
वह था--
वह ज़रूर होगा।
फिर एक बार बातें करना,
खुशी की, उम्मीद की,
ताकि कुछ लोग सवाल करें,
वह क्या थी, कब आएगी वह ?
मंजीत ठाकुर
ज़िंदगी की गर्माहट की,
ताकि कुछ तो जान सकें--
वह गर्म नहीं है।
पर वह गर्म हो सकती थी।
मेरी मौत के पहले
एक बार फिर बातें करना
प्यार की,
ताकि कुछ तो जान सकें,
वह था--
वह ज़रूर होगा।
फिर एक बार बातें करना,
खुशी की, उम्मीद की,
ताकि कुछ लोग सवाल करें,
वह क्या थी, कब आएगी वह ?
मंजीत ठाकुर
2 comments:
Is choti si kavita ke bhav bade hain jo man ko sparsh kar jate hain. ummid shirshak bada maujun ban pada hai
Aapko meri dher saari shubh kamnayein
राजन प्रकाश हिंदी के अच्छे जानकार हैं। संप्रति संडे इंडियन मैगज़ीन के साथ जुड़े हैं. इनकी लेखनी की धार पैनी है और कई धारावाहिकों के लिए पटकथा लिख चुके हैं। इनकी कल्पनाशील विचारधारा इनकी लिखावट से भी झलकती है. उम्मीद पर इनकी प्रतिक्रिया को हिंदी में प्रस्तुत कर रहे हैं.....
इस छोटी सी कविता के भाव बड़े हैं, जो मन को स्पर्श कर जाते हैं. उम्मीद शीर्षक बड़ा मौजूं बन पड़ा है, आपको मेरी ढ़ेर सारी शुभकामनाएं...
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