Saturday, March 3, 2007

होली मुबारक

भूल जाओ बीते हुए कल को, दिल में बसा लो आने वाले पल को
मुस्कुराओ चाहे जो हो हाल, क्योंकि खुशियां लेकर आ गया होली का गुलाल
...
आप सभी भगजोगनी के पाठकों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं बहुत जल्द भगजोगनी आप के मन को सहलाती, बहलाती और डंक मारती, भुक भुकाती यादों के साथ सामने होगा
बस तभी तक के लिए विदा...





1 comment:

Manjit Thakur said...

एक और एक दो होते हैं सामान्य नर-नारियों के लिए,
एक और एक तीन होता है व्यापारियों एक लिए,
एक और एक ग्यारह होता है,
सिद्धहस्तों के लिए, लेकिन
एक और एक केवल एक होता है इश्क़परस्तों के लिए,
हमारी तो यही टेक है कि एक और एक केवल एक है।।